BLOG
नाग पंचमी 2025
नाग पंचमी 2025
Posted on 29 July 2025 | by Astro Star Talk
नाग पंचमी 2025: झारखंड सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में आस्था, परंपरा और प्रकृति का अनुपम पर्व
भारतवर्ष में नाग पंचमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सर्पों के प्रति श्रद्धा, पर्यावरण संतुलन और सांस्कृतिक चेतना का जीवंत प्रतीक है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व, लोक आस्था की जड़ों को गहराई से छूता है। वर्ष 2025 में नाग पंचमी का शुभ अवसर 29 जुलाई, मंगलवार को आ रहा है। हालांकि गुजरात सहित कुछ राज्यों में यह पर्व परंपरा के अनुसार 13 अगस्त को मनाया जाएगा।
यह विशेष ब्लॉग झारखंड सहित भारत के विभिन्न अंचलों में नाग पंचमी के पंचांग, शुभ मुहूर्त, पुराण कथाएँ, पूजा विधि, क्षेत्रीय रीति-रिवाज, ज्योतिषीय महत्व और वर्तमान युग की प्रासंगिकता के माध्यम से आपकी साधना को सार्थक दिशा देगा।
🌅 पंचांग एवं मुहूर्त विवरण
|
स्थान |
तिथि |
पंचमी तिथि प्रारंभ |
पंचमी तिथि समाप्त |
पूजा मुहूर्त |
सूर्योदय-सूर्यास्त |
|
भारत (सामान्य) |
29 जुलाई 2025 |
28 जुलाई रात 11:24 बजे |
30 जुलाई रात 12:46 बजे |
सुबह 06:07 – 08:38 बजे |
सूर्योदय: 5:41 AM, सूर्यास्त: 7:14 PM |
|
गुजरात (नाग पंचम) |
13 अगस्त 2025 |
— |
— |
सुबह 05:56 – 07:51 बजे |
— |
|
झारखंड |
29 जुलाई 2025 |
28 जुलाई रात 11:24 बजे |
30 जुलाई रात 12:46 बजे |
सुबह 05:41 – 08:23 बजे |
सूर्योदय: 5:41 AM, सूर्यास्त: 7:14 PM |
🕉 नोट: उपरोक्त सभी समय स्थानीय समयानुसार हैं।
🐍 नाग देवताओं की महत्ता और पूजा परंपरा
हिंदू धर्म में सर्पों को आदि काल से ही ज्ञान, शक्ति, सुरक्षा और दिव्यता का प्रतीक माना गया है। नाग पंचमी के दिन 12 प्रमुख नागों की विशेष पूजा की जाती है—अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कम्बल, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक, कालिय, पिंगला, कर्कोटक और अश्वतर। इन्हें नमन करने से भय, रोग, संकट और कालसर्प दोष जैसे ग्रहबाधाओं से रक्षा मिलती है।
📿 नाग पंचमी पूजन मंत्र
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
अर्थ: पृथ्वी, आकाश, पर्वत, जलाशयों और अंतरिक्ष में जहाँ कहीं भी नागदेव विराजमान हैं, वे सभी मुझ पर कृपा करें और मुझे सौभाग्य प्रदान करें।
📖 पुराणों में वर्णित नाग कथाएँ
1. समुद्र मंथन और वासुकी नाग की भूमिका
अमृत प्राप्ति के लिए जब देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन हुआ, तो वासुकी नाग को रस्सी की तरह उपयोग किया गया। मंदराचल पर्वत मथनी बना और भगवान शिव ने विष "हालाहल" को ग्रहण कर नीलकंठ कहलाए। यह कथा बताती है कि सर्प पूजा का गहरा संबंध शिव भक्ति से जुड़ा है।
2. श्रीकृष्ण और कालिया नाग
बालकृष्ण ने यमुना नदी को विषैला बना चुके कालिया नाग को पराजित कर उसके सिर पर नृत्य किया। यह कथा सिखाती है कि दुष्टता पर विजय और प्रकृति की शुद्धता के लिए संघर्ष आवश्यक है।
3. जनमेजय का सर्प यज्ञ और आस्तिक मुनि
राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के कारण हुई, जिससे क्रोधित होकर उनके पुत्र जनमेजय ने सम्पूर्ण सर्प जाति को नष्ट करने हेतु यज्ञ आरंभ किया। परंतु आस्तिक मुनि ने अपनी वाणी और बुद्धि से उन्हें रोका। यह कथा सहिष्णुता, संतुलन और करुणा का संदेश देती है।
🌾 झारखंड में नाग पंचमी की विशेष छवि
झारखंड में नाग पंचमी केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि जन-जीवन की आत्मा से जुड़ा एक लोक अनुष्ठान है। यहाँ के आदिवासी समुदायों और ग्रामीण अंचलों में नाग देवताओं की पूजा पीपल पेड़, कुंडों और मंदिरों में की जाती है। महिलाएँ प्रातःकाल स्नान कर पारंपरिक वस्त्र पहनकर दूध, गुड़, लाई, हल्दी, पुष्प अर्पित करती हैं। उत्सव का रूप लोक गीतों, नृत्य और जनकथाओं के माध्यम से प्रकट होता है।
📅 झारखंड विशेष पंचांग:
- पूजन मुहूर्त: सुबह 05:41 – 08:23 बजे (29 जुलाई 2025)
- राहुकाल: दोपहर 3:00 – 4:30 बजे (इस समय पूजा न करें)
- अमृतकाल: रात 12:28 – 2:09 बजे
- नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी (सायं 7:28 तक), तत्पश्चात हस्त
🥣 पारंपरिक प्रसाद:
- धान की लाई (लोकप्रिय लोक मिठाई)
- दूध-भात
- गुड़ और चीनी
- लोक संगीत, कथावाचन और सामूहिक प्रार्थनाएँ
🙏 नाग पंचमी पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ एवं शुभ वस्त्र धारण करें।
- मिट्टी या लकड़ी से बने नाग की प्रतिमा को स्थापित करें या पीपल वृक्ष के समीप पूजा स्थल चुनें।
- हल्दी, अक्षत, फूल, दूध, गंगाजल, और धूप-दीप अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” और नाग गायत्री मंत्र का जाप करें।
- व्रत के दिन तले हुए व तीखे खाद्य पदार्थों से परहेज कर उबली हुई सात्विक सामग्री ग्रहण करें।
- सायं काल में शिव मंदिर या नाग देवता स्थल पर जाकर दुग्धाभिषेक करें और व्रत पूर्ण करें।
🔭 ज्योतिषीय दृष्टिकोण और वर्तमान युग में उपयोगिता
- नाग पंचमी का दिन कालसर्प दोष निवारण के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
- राहु-केतु की दशा से पीड़ित जातकों को इस दिन विशेष अनुष्ठान लाभ देते हैं।
- अश्लेषा नक्षत्र व श्रावण मास में किए गए मंत्र जाप मानसिक शांति, पारिवारिक सौहार्द और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं।
📱 एस्ट्रो स्टार टॉक ऐप के विशेष लाभ
- कालसर्प दोष के सटीक और प्रभावी उपाय
- नाग पंचमी पूजा मुहूर्त और लाइव पंचांग
- गोचर ग्रहों का प्रभाव और आपकी कुंडली पर आधारित ज्योतिषीय सलाह
- मंत्रों और पूजा विधियों की डिजिटल गाइड
👉 अपने आध्यात्मिक जीवन को जागृत करें – अभी एस्ट्रो स्टार टॉक ऐप डाउनलोड करें!
🌿 सांस्कृतिक विविधता और पर्यावरणीय संदेश
नाग पंचमी केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जैव विविधता के संरक्षण और सांपों के प्रति सह-अस्तित्व के भाव को पुष्ट करने वाला पर्व है। झारखंड जैसे क्षेत्र, जहाँ नाग पूजा पर्यावरण चेतना और सामाजिक सामंजस्य का माध्यम बन चुकी है, वहाँ यह पर्व प्रकृति और मानव के मधुर संबंधों की अनूठी मिसाल है।
🔚 एस्ट्रो स्टार टॉक के विचार
नाग पंचमी एक ऐसा उत्सव है जो हमें हमारे सांस्कृतिक मूल्यों, धर्म, पर्यावरण और ज्योतिष के गहरे आयामों से जोड़ता है। यह पर्व न केवल समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि हमारी भावनाओं, परंपराओं और लोक चेतना का दर्पण भी है।
इस श्रावण मास की नाग पंचमी पर, आइए पूरे परिवार संग नाग देवताओं की पूजा करें, मंत्रों का जाप करें, और एस्ट्रो स्टार टॉक ऐप के माध्यम से अपने जीवन में ज्योतिषीय ज्ञान और दिव्यता का संचार करें।
नाग देवताओं की कृपा आप पर बनी रहे — आपका जीवन सदा मंगलमय, सुरक्षित और समृद्ध हो।
ॐ नमः शिवाय! 🐍🙏
#NagPanchami #AstroStarTalk #धार्मिक_परंपरा #झारखंड #ज्योतिष #शिव_भक्ति #पर्यावरण_सुरक्षा