Book your private session

Get genuine guidance from
Pandit Basant Vyas Ji

Book Now

BLOG

श्रावण पुत्रदा एकादशी

Blog Image

श्रावण पुत्रदा एकादशी

Posted on 04 August 2025 | by Astro Star Talk

🌿 श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत 2025: संतान सुख की कामना का पवित्र पर्व

महत्व | व्रत कथा | विधि | ज्योतिषीय दृष्टिकोण
🗓️ तिथि: 5 अगस्त 2025, मंगलवार

श्रावण मास हिन्दू धर्म में अत्यंत पुण्यदायक और देवों के प्रिय मास के रूप में प्रसिद्ध है। इस पवित्र महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत संतान सुख की प्राप्ति और संतान के सुखद जीवन के लिए किया जाता है, विशेष रूप से पुत्र प्राप्ति की कामना रखने वाले दंपतियों के लिए यह अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।

श्रद्धा, संयम और भक्ति से किया गया यह व्रत न केवल संतान से जुड़ी मनोकामनाएँ पूर्ण करता है, बल्कि जीवन के समग्र कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

श्रावण पुत्रदा एकादशी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

  • पुत्रदा’ शब्द का अर्थ है – पुत्र देने वाली
  • मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से संतानहीन दंपति को संतान की प्राप्ति होती है, विशेषकर पुत्र रत्न की।
  • यह व्रत पिछले जन्मों के पापों को समाप्त कर, पवित्रता प्रदान करता है और मोक्ष की ओर अग्रसर करता है।
  • भगवान विष्णु की कृपा से परिवार में सुख-शांति, संपन्नता, और सौभाग्य बढ़ता है।
  • इस दिन किया गया दान-पुण्य कई गुना फल प्रदान करता है।

श्रावण पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा

यह कथा महाभारत में वर्णित है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाया था।

प्राचीन काल में महिष्मति नगरी के राजा माहिजीत संतान सुख से वंचित थे। उन्होंने अनेक यज्ञ, दान, तप किए, लेकिन पुत्र की प्राप्ति नहीं हो पाई। राजा के इस दुख से चिंतित होकर उनके पुरोहित और प्रजाजन महामुनि लोमेश के पास समाधान हेतु पहुँचे।

महर्षि लोमेश ने ध्यान लगाकर बताया कि पूर्व जन्म में राजा ने एक बार एक प्यासी गाय को जल से वंचित किया था, जिससे उन्हें यह संतानहीनता का कष्ट मिला है।

उपाय स्वरूप, मुनि ने श्रावण शुक्ल एकादशी का व्रत करने का निर्देश दिया। राजा सहित समस्त प्रजा ने पूर्ण श्रद्धा से व्रत किया और उसका पुण्य राजा को समर्पित किया। फलस्वरूप रानी ने एक तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया। तभी से इस एकादशी का नाम ‘पुत्रदा एकादशी’ पड़ा।

व्रत विधि (पूजन पद्धति)

श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत पूरी निष्ठा, संयम और श्रद्धा से किया जाना चाहिए। नीचे दी गई है व्रत की संपूर्ण विधि:

प्रातःकाल की तैयारी:

  • सूर्योदय से पूर्व स्नान करें और पवित्र वस्त्र धारण करें।
  • संकल्प लें: “मैं पुत्रदा एकादशी व्रत का पालन कर रहा/रही हूँ भगवान विष्णु की कृपा और संतान सुख हेतु।”
  • पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

पूजन विधि:

  • भगवान विष्णु को तुलसी दल, फूल, फल, धूप-दीप, पंचामृत और नैवेद्य अर्पित करें।
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • व्रत कथा का श्रवण करें या पढ़ें।
  • दिनभर व्रती को निर्जल या फलाहारी व्रत रखना चाहिए।

रात्रि जागरण:

  • रात्रि को भगवत भजन, विष्णु सहस्त्रनाम या श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें।

द्वादशी को पारण:

  • अगले दिन (द्वादशी) सूर्योदय के बाद किसी ब्राह्मण या ज़रूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएँ।
  • तत्पश्चात स्वयं फलाहार या सात्विक भोजन से उपवास का पारण करें।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एकादशी का संबंध चंद्रमा की गति और मन की शुद्धि से है। पुत्रदा एकादशी में श्रवण नक्षत्र और चंद्रमा का प्रभाव विशेष होता है जो मानसिक और आध्यात्मिक बल को बढ़ाता है। यह व्रत सप्तम भाव (संतान) को सक्रिय करता है, जिससे संतान सुख से संबंधित बाधाएं दूर होती हैं।

आध्यात्मिक लाभ और सामाजिक महत्व

  • इस व्रत से जीवन में धैर्य, संयम और आस्था का विकास होता है।
  • संतान प्राप्ति के साथ-साथ, उनके जीवन में भी शुभता बनी रहती है।
  • यह व्रत एक तरह का ऊर्जा संचयन है, जो परिवार के सभी सदस्यों के लिए कल्याणकारी होता है।

श्रावण पुत्रदा एकादशी एक आस्था और विश्वास का पर्व है जो संतान के सुखमय जीवन और परिवार के समग्र कल्याण का प्रतीक है। यह व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक सकारात्मक ऊर्जा का माध्यम है, जो आत्मिक शुद्धि, पारिवारिक समृद्धि और ईश्वर कृपा का मार्ग प्रशस्त करता है।

जो भी श्रद्धालु संतान सुख की अभिलाषा रखते हैं या संतान की भलाई हेतु चिंतित रहते हैं, उनके लिए यह व्रत अचूक और चमत्कारी उपाय के रूप में जाना जाता है।

Astro Star Talk की सलाह:

यदि आप संतान प्राप्ति, संतान सुख, या व्रत अनुष्ठान से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान चाहते हैं, तो हमारे अनुभवी ज्योतिषाचार्यों से संपर्क करें। आपकी कुंडली के अनुसार विशेष मार्गदर्शन और सरल उपाय बताए जाएंगे।

🔔 श्रावण पुत्रदा एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
🌼 आपके जीवन में ईश्वर की कृपा से सुख, समृद्धि और संतान सुख सदैव बना रहे